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Showing posts from November, 2020

अकबर से संबंधित महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी प्रश्न

इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे अकबर के बारे में, अकबर एक मुगल शासक था जो हुमायूं का पुत्र था, यह मुगल साम्राज्य के सबसे सफल शासकों में से एक था, अकबर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित है- प्रश्न (1)- अकबर का शासन काल था? उत्तर- अकबर का शासन काल 1556 से 1605 ईस्वी तक रहा। प्रश्न (2)- अकबर का जन्म कब हुआ था? उत्तर- अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को हुआ था। प्रश्न (3)- अकबर की माता का क्या नाम था? उत्तर- अकबर की माता का नाम हमीदा बानो बेगम था। प्रश्न (4)- अकबर का जन्म कहां हुआ था? उत्तर- अकबर का जन्म अमरकोट के राणा वीर साल के महल में हुआ था। प्रश्न (5)- अकबर के बचपन का नाम क्या था? उत्तर- अकबर के बचपन का नाम जलाल था। प्रश्न (6)- अकबर का राज्याभिषेक कब हुआ था? उत्तर- अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 को हुआ था। प्रश्न (7)- अकबर का राज्याभिषेक किस स्थान पर हुआ था? उत्तर- अकबर का राज्याभिषेक पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ था। प्रश्न (8)- अकबर का गुरु कौन था? उत्तर- अकबर का गुरु अब्दुल लतीफ था जो ईरानी विद्वान था। प्रश्न (9)- अकबर किस उपाधि के साथ राज सिंहासन पर बैठा था? उत्तर- अ...

उत्तराखंड के प्रमुख मेले- महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी प्रश्न

उत्तराखंड के प्रमुख मेले-  इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे उत्तराखंड में लगने वाले प्रमुख मेलों के बारे में और जानेंगे वे किस जिले में लगते हैं, आइए शुरू करते हैं उत्तराखंड के प्रमुख मेलों के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तरों को- देहरादून जिले के प्रमुख मेले देहरादून जिले में निम्न पांच मेले लगते हैं- 1) चंडी देवी मेला देहरादून में लगता है। 2) भद्रराज मेला देहरादून में लगता है। 3) झंडा मेला ( सन् 1676 से गुरु राम राय के जन्मदिवस पर) देहरादून में लगता है। 4) टपकेश्वर मेला, शिवरात्रि के दिन देहरादून जिले में लगता है। 5) नुणाई मेला , देहरादून के जौनसार क्षेत्र में लगता है इस मेले का मुख्य संबंध भेड़ पालकों से है। उत्तरकाशी जिले के प्रमुख मेले उत्तरकाशी जिले में निम्न दो मेले लगते हैं- 1) बिस्सु मेला , उत्तरकाशी में लगता है। 2) माघ मेला, उत्तरकाशी जिले में लगता है। पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख मेले पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख मेले निम्नलिखित हैं- 1) नागपंचमी मेला, पिथौरागढ़ जिले में लगता है। 2) जौलजीबी मेला, पिथौरागढ़ जिले में लगता है। 3) थल मेला , पिथौरागढ़ जिले में लगता है। चंपावत जिले के ...

भारत का इतिहास- पाल वंश से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

पाल वंश- इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे पाल वंश व उससे इतिहास के बारे में,आइए जानते हैं पाल वंश के महत्वपूर्ण राजाओं व उनके कार्यों को - प्रश्न (1)- पाल वंश का सबसे महान शासक कौन था? उत्तर- पाल वंश का सबसे महान शासक धर्मपाल था। प्रश्न (2)- पाल वंश का संस्थापक कौन था? उत्तर- पाल वंश का संस्थापक गोपाल था, पाल वंश की स्थापना 750 ईसवी में की गई थी। प्रश्न (3)- पाल वंश की राजधानी कहां थी? उत्तर-पाल वंश की राजधानी मुंगेर थी।व इनका मूल स्थान बिहार था। प्रश्न (4)- पालवंश का संस्थापक गोपाल किस धर्म का अनुयाई था? उत्तर- पालवंश का संस्थापक गोपाल, बौद्ध धर्म का अनुयाई था। प्रश्न (5)- ओदंतपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना किसने की थी? उत्तर- ओदंतपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना गोपाल ने की थी। प्रश्न (6)- पालवंश के प्रमुख शासक कौन कौन थे? उत्तर- पाल वंश के प्रमुख शासक- धर्मपाल, देवपाल, नारायणपाल, महिपाल एवं नयपाल थे। प्रश्न (7)- विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना किसने की थी? उत्तर- विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना धर्मपाल ने की थी। प्रश्न (8)- कन्नौज के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष किन वंशों के मध्य हुआ थ...

उत्तराखंड की अन्न,धातु,द्रव तथा भूमि मापन व्यवस्था

उत्तराखंड की वस्तु मापन व्यवस्था- इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे उत्तराखंड राज्य में उपयोग की जाने वाली विभिन्न मापन व्यवस्थाओं या प्रणालियों की, इस आर्टिकल में उत्तराखंड की अन्न मापन प्रणाली , उत्तराखंड की धातु मापन प्रणाली, उत्तराखंड की द्रव मापन प्रणाली तथा उत्तराखंड में प्रयुक्त होने वाली भूमि मापन प्रणालीयों का उल्लेख किया जाएगा- उत्तराखंड की अन्न मापन प्रणाली- उत्तराखंड की अन्न मापन प्रणाली की सबसे छोटी इकाई- मुठ्ठी होती है। एक मुठ्ठी ( 1 मुठ्ठी ) कितने ग्राम के बराबर होती है=62.5 ग्राम के आठ मुठ्ठी ( 8 मुठ्ठी ) कितने ग्राम के बराबर होती है= आठ मुट्ठी का वजन 500 ग्राम होता है। एक सेर में कितने मुठ्ठी के बराबर होता है- एक सेर में आठ मुठ्ठी होती है। एक कुड़ी में कितने सेर होते हैं- एक कुड़ी में दो सेर होते हैं। एक कुड़ी कितने किलो के बराबर होती है- एक कुड़ी एक किलोग्राम या एक हजार ग्राम के बराबर होता है। एक पाथा बराबर= दो कुड़ी एक पाथा बराबर= 2 किलोग्राम=2000 ग्राम एक पाथा बराबर= 4 सेर एक पाथा बराबर= 32 मुठ्ठी नोट- प्राचीन समय में व्याप्त मापन संबंधी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्...

भारत में सूती वस्त्र उद्योग से संबंधित प्रश्न

इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे भारत के एक महत्वपूर्ण उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग के बारे में, व उससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न जो प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं के बारे में- भारत में सूती वस्त्र उद्योग- सूती वस्त्र उद्योग भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण उद्योग है, जो कृषि के बाद सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करता है। भारत में प्रथम सूती वस्त्र कारखाना- भारत में सूती वस्त्र का प्रथम कारखाना भारत में आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 में कोलकाता के समीप, फोर्ट  ग्लास्टर में की गई थी, किंतु यह जो है असफल रही थी, भारत का पहला सफल आधुनिक सूती वस्त्र कारखाना- सबसे पहला सफल आधुनिक सूती कपड़ा कारखाना 1854 ईसवी में मुंबई में कवासजी डाबर द्वारा खोला गया जिसमें 1856 ईसवी से उत्पादन प्रारंभ हुआ था, सूती वस्त्र उद्योग से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु- सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक केंद्रीयकरण महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य में पाया जाता है ,अन्य राज्य जिनमें सूती वस्त्र उद्योग मिलता है वे हैं पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल तथा उत्तर प्रदेश भा...

भारत में लौह इस्पात उद्योग एवं उससे संबंधित प्रश्न

लौह इस्पात उद्योग- भारत में लोहा इस्पात का पहला कारखाना- भारत में पहला लौह इस्पात कारखाना 1874 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले के कुल्टी नामक स्थान पर बराकर नदी के किनारे लगाया गया था, जिसका नाम बंगाल आयरन वर्क्स (BIW) था, बाद में यह कंपनी फंड के अभाव के कारण बंद हो गई तथा इसे बंगाल सरकार ने अधिग्रहित कर लिया तब इसका नाम बदलकर बराकर आयरन वर्क्स रखा गया। देश में सबसे पहला बड़े पैमाने पर लौह इस्पात का उत्पादन करने का कारखाना 1960 में तत्कालीन बिहार राज्य में स्वर्ण रेखा नदी की घाटी में साकची नामक स्थान पर जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था। स्वतंत्रता से पहले स्थापित लोहा इस्पात कारखाने- 1. भारतीय लौह इस्पात कंपनी- इसकी स्थापना 1918 में पश्चिम बंगाल की दामोदर नदी घाटी में हीरापुर( जिसे कि बाद में बर्नपुर कहा गया ) नामक स्थान पर की गई थी, यहां 1922 ईस्वी से उत्पादन शुरू हुआ आगे चलकर कुल्टी, बर्नपुर तथा हीरापुर स्थित संयंत्रों को इस में मिला दिया गया। 2. मैसूर आयरन एंड स्टील वर्क्स- इसकी स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व 1923 में मैसूर राज्य यानी वर्तमान कर्नाटक के भद्रावती नामक स्थान पर कि...

भारत के प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र

प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र- भारत में पेट्रोलियम जो कि आधुनिक भारत की मूलभूत आवश्यकता है पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है, जिसका भारी मात्रा में विदेशों से आयात किया जाता है इसके बावजूद भारत में कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां पर पेट्रोलियम खनिज पाया जाता है इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे उन्हीं विशेष पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों की- असम - असम भारत का एक प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक राज्य है जिसमें पेट्रोलियम खनिज के उत्पादन के लिए दो क्षेत्र महत्वपूर्ण है, उनमें से पहला है डिग्बोई तथा दूसरा है सूरमा घाटी प्रश्न- सूरमा घाटी नामक पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र किस राज्य के अंतर्गत आता है? उत्तर- सूरमा घाटी नामक पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र असाम राज्य के अंतर्गत आता है। गुजरात - गुजरात भी पेट्रोलियम उत्पादक राज्य है यहां पर खंभात तथा अंकलेश्वर नामक दो पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र स्थित हैं। महाराष्ट्र - महाराष्ट्र भी भारत का एक प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र है यहां पर बॉम्बे हाई नामक जगह से पेट्रोलियम का उत्पादन किया जाता है। भारत में पेट्रोलियम उत्पादन से संबंधित कुछ विशेष बिंदु- * गुजरात के...