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124 वां संविधान संशोधन विधेयक
124 वां संविधान संशोधन विधेयक , जोकि भारत के इतिहास में आर्थिक स्थिति को मद्दे नज़र रखते हुए दिया जाने वाला आरक्षण का पहला प्रयोग है , को राज्य सभा मे पारित कर दिया गया है , गौरतलब है कि भारतीय संविधान में इससे पहले भी 49.5% का आरक्षण दिया गया है जो कि जाति के आधार पर आवंटित किया गया है , इसमे भारतीय समाज की अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग शामिल था , परन्तु अब इसमें सामान्य जाती के गरीब लोगों को भी शामिल किया गया है , जिसमें सामान्य जाती के गरीब हिंदुओ ( ब्राह्मण , राजपूत , बनिया आदि ) , मुस्लिम समुदाय , जैन , बौद्ध आदि सभी उन धर्मो के लोगो को शामिल किया गया है जिन्हें पहले आरक्षण का लाभ नही मिलता था , और अब राष्ट्रपति की संतुति के बाद यह बिल कानून बन जायेगा , आपका यह जानना भी जरूरी है कि संविधान में संशोधन अनुछेद 368 के अंतर्गत किया जाता है , और यह तब ही संभव है यदि कोई बिल दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पारित हो . इसी के साथ संविधान के अनुछेद 15 तथा 16 में भी संशोधन किया जाएगा ।
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124 वां संविधान संशोधन विधेयक , जोकि भारत के इतिहास में आर्थिक स्थिति को मद्दे नज़र रखते हुए दिया जाने वाला आरक्षण का पहला प्रयोग है , को राज्य सभा मे पारित कर दिया गया है , गौरतलब है कि भारतीय संविधान में इससे पहले भी 49.5% का आरक्षण दिया गया है जो कि जाति के आधार पर आवंटित किया गया है , इसमे भारतीय समाज की अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग शामिल था , परन्तु अब इसमें सामान्य जाती के गरीब लोगों को भी शामिल किया गया है , जिसमें सामान्य जाती के गरीब हिंदुओ ( ब्राह्मण , राजपूत , बनिया आदि ) , मुस्लिम समुदाय , जैन , बौद्ध आदि सभी उन धर्मो के लोगो को शामिल किया गया है जिन्हें पहले आरक्षण का लाभ नही मिलता था , और अब राष्ट्रपति की संतुति के बाद यह बिल कानून बन जायेगा , आपका यह जानना भी जरूरी है कि संविधान में संशोधन अनुछेद 368 के अंतर्गत किया जाता है , और यह तब ही संभव है यदि कोई बिल दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पारित हो . इसी के साथ संविधान के अनुछेद 15 तथा 16 में भी संशोधन किया जाएगा ।
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