भारत में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध महत्वपूर्ण विद्रोह
भारत में समय-समय पर अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज उठती रही है, इसका कारण अंग्रेजो के द्वारा भारतीयों पर किया जाने वाला अत्याचार था,बंगाल, उड़ीसा, बिहार तथा असम में अनेक विद्रोह हुई इसका यह परिणाम निकाला जा सकता है, कि वहां पर अंग्रेजों द्वारा होने वाले अत्याचार अन्य जगहों पर होने वाले अत्याचारों से ज्यादा रहा होगा या वहां के लोग स्वतंत्रता में विश्वास रखते हो, भारत में विद्रोह 1760 से प्रारंभ हुए तथा भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक चलते रहे, आइए जानते हैं, भारत में हुए महत्वपूर्ण अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह के बारे में-
मध्य भारत (बिहार, झारखंड, उड़ीसा तथा बंगाल ) में हुए प्रमुख विद्रोह-
1. सन्यासी विद्रोह
सन्यासी विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र बिहार व बंगाल था, इससे संबंधित नेता केना सरकार व दिर्जि नारायण थे, यह विद्रोह 1760-1800 तक चला।2. फकीर विद्रोह
फकीर विद्रोह बंगाल में हुआ था, इसका नेतृत्व मजनून शाह एवं चिराग अली ने किया था, यह आंदोलन या विद्रोह 1776-77 तक चला ।3. पहाड़िया विद्रोह
पहाड़िया विद्रोह बिहार के भागलपुर क्षेत्र से प्रारंभ हुआ था इसका नेतृत्व तिलका मांझी ने किया था यह विद्रोह 1779 में हुआ था ।4. चुआरो विद्रोह
चुआरों विद्रोह बंगाल के बांकुड़ा क्षेत्र में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व करण गढ़ की रानी शिरोमणि एवं दुर्जन सिंह ने किया था यह आंदोलन 1798 ई में हुआ था ।5. चेरो विद्रोह
चेरो विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र झारखंड का पलामू जिला था, इसका नेतृत्व भूषण सिंह ने किया था और यह 1800 ईस्वी में हुआ था।6. बहावी आंदोलन
यह आंदोलन बिहार, उत्तर प्रदेश में प्रारंभ हुआ, इससे संबंधित नेता सैयद अहमद तूतीमीर थे, यह विद्रोह 1831 हुआ था।7. कोल आंदोलन
कोल आंदोलन झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व गोमधर कुंवर ने किया था, यह आंदोलन 1831-32 तक चला था।8. भूमिज विद्रोह
यह विद्रोह झारखंड के रांची क्षेत्र में हुआ था, इसका नेतृत्व गंगा नारायण हंगामा ने किया था, यह विद्रोह 1832 में हुआ था।9. कंध विद्रोह
कंध विद्रोह उड़ीसा में हुआ था, इसका नेतृत्व चक्र विसोई ने किया था यह 1837 में हुआ था।10. फरायजी आंदोलन
फरायजी आंदोलन बंगाल में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व शरियातुल्लाह टूटू मियां ने किया था, यह 1838 में प्रारंभ होकर 1848 तक चला।11. नील विद्रोह
यह विद्रोह बंगाल तथा बिहार में हुआ था,इसका नेतृत्व तिरुत सिंह ने किया था,यह 1854 से प्रारंभ होकर 1862 तक चला ।12. संथाल विद्रोह
संथाल विद्रोह बंगाल एवं बिहार में हुआ था, इसका नेतृत्व सिद्धू-कान्हू ने किया था यह 1855-56 तक चला।13. मुंडा विद्रोह
मुंडा विद्रोह झारखंड में प्रारंभ हुआ था तथा इसका नेतृत्व बिरसा मुंडा ने किया था यह आंदोलन 1899-1900 तक चला ।14. पाइक विद्रोह
पाइक विद्रोह उड़ीसा में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व बख्शी जगबंधु ने किया था, यह आंदोलन 1817-1825 तक चला15. नील आंदोलन
नील आंदोलन बंगाल में शुरू हुआ था इसका नेतृत्व दिगंबर ने किया था यह 1859-60 तक चला , नील आंदोलन तथा नील विद्रोह दोनों अलग-अलग है।16. पावना विद्रोह
पावना विद्रोह बंगाल के पावन क्षेत्र से प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व ईशान चंद्र राय एवं शंभू पाल ने किया था, यह आंदोलन 1873-1876 तक चला17. ताना भगत आंदोलन
यह आंदोलन बिहार में चला था, इसका नेतृत्व जतरा भगत नामा व्यक्ति ने किया था, यह 1914 में हुआ था।18. तेभागा आंदोलन
तेभागा आंदोलन बंगाल में प्रारंभ हुआ था इसका नेतृत्व कंपा राम सिंह एवं भवन सिंह ने किया था, यह 1946 में हुआ था।
दक्षिण भारत में हुए अंग्रेजों के विरुद्ध प्रमुख विद्रोह
1. पॉलीगरों का विद्रोह
पॉलीगरों का विद्रोह तमिलनाडु में शुरू हुआ था तथा इसका नेतृत्व वीर पी काट्टावाम्मान ने किया था, यह विद्रोह 1799 से 1801 तक चला।2. वेलाटम्पी विद्रोह
वेलाटम्पी विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र त्रावणकोर था, इसका नेतृत्व मेलुथाम्पी ने किया था, यह विद्रोह 1808-09 तक चला।
3. मोपला विद्रोह
मोपला विद्रोह केरल के मालाबार क्षेत्र में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व अली मुसलियार ने किया था, यह विद्रोह 2 साल चला था, यह 1920 में प्रारंभ हुआ तथा 1922 में समाप्त हो गया।
4. रंपाओ का विद्रोह
यह विद्रोह आंध्र प्रदेश में प्रारंभ हुआ था इसका नेतृत्व सीताराम राजू ने किया था, यह आंदोलन 1879 से प्रारंभ होकर 1922 तक चला।
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