Merger of banks
आज 1 अप्रैल 2020 को भारत में राष्ट्रीयकृत बैंकों की कुल संख्या 12 रह जाएगी जो 2017 में 27 थी, बैंकों के राष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया में सबसे पहले स्टेट बैंक ग्रुप के अन्य बैंकों का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ मर्जर किया गया था,
इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने अन्य बैंकों के प्रस्ताव को भी मंजूर किया था यह बैंक निम्न है-
1. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर पंजाब नेशनल बैंक के साथ होगा तथा 17.95 लाख करोड़ के साथ पंजाब नेशनल बैंक भारत का दूसरा ( पहले स्थान पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लगभग 52 लाख करोड रुपए की बिजनेस के साथ है ) सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा ।
2.सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक के साथ होगा, इसके साथ ही यह सार्वजनिक क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
3. आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में होगा। तथा जो सार्वजनिक क्षेत्र का पांचवा सबसे बड़ा बैंक होगा
4. इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में होगा
बैंकों के मर्जर के बाद ग्राहकों पर पड़ने वाले प्रभाव-
1. मर्ज होने वाले बैंकों की शाखाओं की रिस्ट्रक्चरिंग होगी तथा जिस बैंक में आपके पुराने बैंक का मर्डर हुआ है उस बैंक की ब्रांडिंग नए बैंक में परिवर्तित हो जाएगी,
2. पुरानी बैंक की पासबुक तथा चेक बुक नई बैंक के नाम से शुरू होंगी
3. पुरानी बैंक का आईएफएससी ( IFSC) कोड बदल कर नए बैंक के अनुसार परिवर्तित होगा
4. यदि एक शहर में मर्ज होने वाले बैंकों के अलग-अलग शाखाएं रही होंगी तो वह शाखाएं भी एक ही शाखा में परिवर्तन हो जाएंगी
माना किसी शहर A में इलाहाबाद बैंक व इंडियन बैंक की अलग-अलग शाखाएं थी, तो अब इंडियन बैंक की शाखा भी इलाहाबाद बैंक की शाखा में मर्ज ( मिल ) हो जाएगी,
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