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Important questions for Uttarakand group c VDO , VPDO and Uttarakand PCS

 Important Question Of Uttarakhand GK

1.हिलांस किस व्यक्ति का प्रसिद्ध काव्य संग्रह है- हिलांस भगवती चरण निर्मोही जी का काव्य संग्रह है।

2. डॉक्टर शिव प्रसाद सिंह डबराल चारण का जन्म किस गांव में हुआ था- डॉ शिव प्रसाद सिंह डबराल चरण का जन्म पौड़ी गढ़वाल के गहली गांव में हुआ था।

3. सुमित्रानंदन पंत जी को कब पद्म भूषण से सम्मानित किया गया- सुमित्रानंदन पंत जी को 1961 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

4. उत्तराखंड के किस ज्योतिष विद्वान को भारतीय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान ने अभिनव बाराहमिहिर की उपाधि से अलंकृत किया था- अभिनव बारहमिहिर की उपाधि मुकुंद राम बड़थ्वाल को भारतीय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान ने प्रदान की।

5. उत्तराखंड के किस जिले में सहसपुर विधानसभा क्षेत्र है- देहरादून में,

6. कॉमन पीकॉक को उत्तराखंड की राज्य तितली कब घोषित किया गया था- 2016 में,

7. उत्तराखंड के प्रथम महाधिवक्ता- मेहरबान सिंह नेगी,

8. उत्तराखंड के प्रथम मुख्य सचिव थे- अजय विक्रम सिंह,

9. उत्तराखंड पर शासन करने वाली प्रथम राजनीतिक शक्ति कौन सी थी- उत्तराखंड पर शासन करने वाली प्रथम राजनीतिक शक्ति कुणिंद थी,

10. ह्वेनसांग ने उत्तराखंड को क्या नाम दिया था- पो-लि-हि-मो-पु-लो ( ब्रह्मपुर )

11. उत्तराखंड के किस राजवंश को प्रथम ऐतिहासिक राजवंश माना जाता है- कार्तिकेय पुर राजवंश,

12. आदि गुरु शंकराचार्य ने अपने शरीर का त्याग कब और कहां पर किया था- केदारनाथ में, 820 ईस्वी में,

13. कार्तिकेय पुर राजवंश के प्रथम परिवार का प्रथम राजा कौन था- कार्तिकेय पुर राजवंश के प्रथम परिवार का प्रथम राजा बसंत देव था।

14. बाणासुर किला स्थित है- बाणासुर किला चंपावत के लोहाघाट देवीधुरा मार्ग पर स्थित है।

15. बैजनाथ मंदिर किसने बनवाया था- बैजनाथ मंदिर ललित पुत्र भूदेव ने बनाया था।

16. राजा सुदर्शन शाह किस नाम से रचनाओं को लिखते थे- सूरत कवि,

17. किस पंवार शासक ने मुगल दारा शिकोह के पुत्र सुलेमान शिकोह को संरक्षण प्रदान किया था- पृथ्वीपति शाह

18. किन गढ़वाल शासकों के समय में तिब्बती हमले हुए थे- गढ़वाल पर तिब्बती हमले मानशाह और महिपति शाह के समय में हुए थे,

19.खुडबुडा का युद्ध कब हुआ था- 14 मई 1804 को,

20. खुडबुडा का युद्ध किन शासकों के मध्य हुआ था- खुडबुडा का युद्ध गढ़वाल शासक प्रद्युमन शाह तथा गोरखाओं मध्य हुआ था

21. पिथौरागढ़ व तिब्बत के बीच के  दर्रे हैं-
लिपुलेख- गुंजी दर्रा
दारमा- नवीधुरा दर्रा
मानसया - लम्पिया दर्रा
ऊंटा दर्रा
जयन्ति दर्रा

22. उत्तराखंड की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी कॉमेंट की ऊंचाई है- 7756 मीटर

23. काठगोदाम, हल्द्वानी, लाल कुआं, किच्छा, रानीबाग किस नदी के किनारे स्थित हैं-  गोला नदी के तट पर,

24. लाखामंडल किन नदियों के संगम पर स्थित है- लाखामंडल यमुना तथा रिखवाड नदी के संगम पर स्थित है।

25. किस झील/ ताल को त्रि ऋषि सरोवर कहा जाता है- नैनी झील/ताल को,

26. गर्म जल का सूर्य कुंड कहां स्थित है- सूर्य कुंड गर्म जल का कुंड है यह गंगोत्री में स्थित है।

27. उत्तराखंड में पौधरोपण नीति ( देश में पहली बार) कब लागू की गई- 6 जून 2006 को,

28. केदारखंड का विस्तार स्कंद पुराण के अनुसार कहां से कहां तक है- स्कंद पुराण के अनुसार केदारखंड यानी गढ़वाल क्षेत्र का विस्तार हरिद्वार ( माया क्षेत्र ) से हिमालय पर्वत तक है।

29. उत्तराखंड में किन स्थानों से कार्तिकेय पुर राजाओं के ताम्र पत्रिय लेख मिले हैं-
पांडुकेश्वर से,
कंडारा से,
चम्पावत से,
बैजनाथ से,

30. उत्तराखंड में कुमाऊनी भाषा के प्रथम अखबार का प्रकाशन कब और कहां से शुरू हुआ था- 1871 में, अल्मोड़ा से

31. कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन 1886 में उत्तराखंड के कितने लोगों ने भाग लिया था- 2 लोगों नें, 1886 के कोलकाता कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने वाले दो व्यक्तियों में से एक ज्वाला दत्त जोशी थे,

32. उत्तराखंड में वन नीति के विरोध में व्यापक जन आंदोलन चला था- 1911 से 1917 के मध्यम,

33. महात्मा गांधी जी ने देहरादून की यात्रा कब की थी-1916 में,

34. अल्मोड़ा कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी-1912 में,

35. कुमाऊं परिषद का कांग्रेस में विलय कब हुआ- 1926 में,

36. गढ़वाल कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी-1918 में,

37. गढ़वाल कांग्रेस की स्थापना किन लोगों के प्रयासों से हुई-
बैरिस्टर मुकुंदी लाल तथा अनुसूया प्रसाद बहुगुणा के प्रयासों से,

38. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1919 के अमृतसर अधिवेशन में गढ़वाल के किन दो नेताओं ने भाग लिया था- बैरिस्टर मुकुंदी लाल तथा अनुसूया प्रसाद बहुगुणा ने,

39. गांधीजी और नेहरू ने कुमाऊं क्षेत्र में कब से कब तक राजनैतिक सभाएं की थी- 14 जून से 2 जुलाई 1929 तक,

40. गांधीजी ने अपनी कुमाऊं यात्रा के दौरान किस स्थान पर 12 दिन के लिए प्रवास किया था-  कौसानी (बागेश्वर) में,

41. 1930 के गांधीजी के डांडी मार्च में कुल 78 सत्याग्रही थे, इनमें से 3 उत्तराखंड के थे जिनके नाम-
ज्योतिराम कांडपाल (JK)
भैरव दत्त जोशी (BJ)
गोरख वीर खड़क बहादुर (GVK) 

42. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कितने समय तक जेल में रहे थे- 11 वर्ष 3 माह 18 दिन,

43. गाडोदिया स्टोर डकैती कांड कब हुआ था -1930 में,

44. शांतिलाल त्रिवेदी ने 1937 में गांधी आश्रम की स्थापना कहां पर की थी- चनौदा सोमेश्वर अल्मोड़ा में,

45. खुमाड़ ( सल्ट क्षेत्र ) में शहीद दिवस कब मनाया जाता है- 5 सितम्बर को,

46. उत्तराखंड के साहित्यकार गोविंद बल्लभ पंत किस विधा के लेखन हेतु प्रसिद्ध हैं-
नाटक व उपन्यास
कोहिनूर का लुटेरा- साहित्यकार गोविंद बल्लभ पंत का ख्याति प्राप्त नाटक है।
नोट- उत्तराखंड में दो गोविंद बल्लभ पंत है एक राजनेता तथा दूसरे लेखक, यहां पर लेखक गोविंद बल्लभ पंत की बात की गई है।

47. विद्यासागर नौटियाल की रचनाएं हैं-
यमुना के बागी बेटे,
भीम अकेला,
झुंड से बिछुड़ा,
उत्तर बायां है,
मुक बलिदान,
भैंस का कट्या,
मोहन गाता जा ( आत्मकथा )

48. डॉ शिव प्रसाद डबराल चारण ने भूगोल में डॉक्टरेट की उपाधि ली है , उन्होंने किस विषय से भूगोल में पीएचडी का विषय था-

अलकनंदा उपत्यका में घोषयात्रा,
प्रवजन और ऋतुकालीन प्रवास,

49. डॉ शिव प्रसाद सिंह डबराल की प्रसिद्ध रचनाएं हैं-
उत्तराखंड का इतिहास ( 12 खंडों में )
श्री उत्तराखंड यात्रा दर्शन,
उत्तराखंड के अभिलेख व मुद्रा,

50. सत्यपथ साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन कब और कहां से हुआ था- 1956 में, कोटद्वार से , ललिता प्रसाद नैथानी ने सत्य पथ सप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन किया था।

51. इंडियन म्यूजिक किसकी रचना है- स्वामी राम की,

52. उत्तराखंड के किस पर्यावरणविद ने 1981 में पद्मश्री पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था- सुंदरलाल बहुगुणा जी ने,

53. गढ़वाल के लोक नृत्य गीत किस विद्वान का शोध ग्रंथ है- शिवानंद नौटियाल का,

54. शिवानंद नौटियाल की प्रमुख रचनाएं हैं-

तपोभूमि गढ़वाल,
गढ़वाल के लोक नृत्य,

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान- चंद शासन में कर व्यवस्था


1. ज्यूलिया या सांगा कर -
ज्यूलिया या सांगा कर चंद काल में नदी के पुलों पर लगने वाला टैक्स था।

2. सिरती कर -
चंद शासनकाल में सिरती नकद के रुप में लिया जानें वाला कर था,
सिरती कर माल भाबर व भोटिया व्यापारियों से वसूला जाता था,

3. बैकर-
बैकर चंद काल में अनाज के रूप में लिया जाने वाला कर था।

4. राखिया या रछया कर-
यह कर सावन के महीने में रक्षाबंधन व जनेऊ संस्कार के समय वसूला जाता था।

5. कूत कर -
चंद काल में नकद के बदले दिया गया अनाज , कूत कर कहलाता था।

6. भेंट कर -
चंद शासन काल में राजाओं और राजकुमारों को दी जाने वाली भेंट।

7. मांगा कर-
चंद शासन काल में युद्ध के समय लिया जाने वाला कर मांगा कर था।

8. साहू या साउलि कर-
यह चंद काल में लेखक को देय कर था।

9. रतंगली कर - 
इस कर का उल्लेख लक्ष्मीचंद कै मुनाकोट ताम्रपत्र में मिलता है, यह कर लेखक को देय कर था ।

10. खेनी कपीलीनी कर -
यह कर चंद शासनकाल में कुली बेगार पर लगता था।

11. कटक कर -
यह कर चंद शासनकाल में सेना के लिए लिया गया कर था।

12. स्यूक कर -
यह कर चंद शासनकाल में राज सेवकों के लिए लिया जाने वाला कर था।

13. कमीनचारी/सयानचारी कर-
यह कर चंद शासनकाल में किसानों से लगान वसूल करने वालों को देय कर था।

14. डाला कर -
चंद शासनकाल में यह कर गांव के सयाने को अनाज के रूप में दिया गया दस्तूर ( भेंट ) थी,

15. मिझारी कर -
मिझारी कर चंद शासनकाल में कामगारों से लिया जाने वाला कर था, इस कर को गोरखा शासन द्वारा भी लिया गया,

16. तान या टांड कर - 
यह कर चंद शासनकाल में सूती या ऊनी वस्त्रों को बनाने वाले बुनकरों से लिया जाता था।

17. घी कर -
यह कर चंद शासनकाल में घी बेचने वालों से लिया जाता था।

18. मौ कर -
यह कर चंद शासनकाल में हर परिवार पर लगा हुआ कर था ।

19. भात कर -
यह कर चंद शासनकाल में बड़े-बड़े उत्सव में भात( पक्का हुआ चावल ) की दावत पर लगा कर था।

20. गाय चराई कर - 
यह कर चंद शासनकाल में तराई भाबर में गाय चराने वालों से लिया जाता था।

21. भैंस कर -
यह कर चंद शासनकाल में भैंसों पर लिया जाता था, ट्रेल के अनुसार प्रत्येक भैंस पर चार आना टैक्स लिया जा सकता था।

22. व्यापार कर -
यह कर चंद शासनकाल में बुनकरों से,
तथा नमक व कस्तूरी के उत्पादन पर भी लगाया जाता था।

23. खानों पर कर-
यह कर चंद  शासनकाल में आगरी सोना ( तांबे ) निकालने वालों से लिया जाता था।

24. जंगलात कर-
यह कर चंद शासनकाल में जंगल का उपयोग करने वालों से लिया जाता था,

25. सीकदार नेगी कर-
यह कर चंद शासनकाल में परगना अधिकारी को देय कर था, इसका उल्लेख लक्ष्मण चंद्र कै मुनाकोट ताम्रपत्र में मिलता है, ताम्रपत्र के अनुसार यह पूरे गांव से ₹2 लिया जाता था।

26. गर्खानेगी कर-
चंद शासनकाल में यह कर  गर्खा अधिकारी को देखकर था, इसका उल्लेख भी मुनाकोट ताम्रपत्र में मिलता है,
गर्खा- चंद शासनकाल में एक क्षेत्र था व गर्खाधिकारी उस क्षेत्र का सबसे बड़ा अधिकारी था।

27. कनक कर-
यह कर चंद शासनकाल में शौका व्यापारियों से स्वर्ण धूल के रूप में लिया जाता था,
इसका उल्लेख भी मुनाकोट ताम्रपत्र में मिलता है।

28. हिलयानि अधूल कर-
यह कर चंद शासनकाल में बरसात में सड़कों की मरम्मत करने के लिए लिया जाता था,हिलयानी अधूल कर का उल्लेख सिंगाली ताम्रपत्र में मिलता है।

29. न्यौंवाली कर - चंद शासनकाल में न्याय पाने के लिए दिया गया कर।

30. जगरीया कर - पुजारी व ब्राह्मणों से जाकर लगाने के बाद लिया गया कर।

31. रोल्या देवल्या कर -
चंद राजाओं के राज देवी देवताओं की पूजा के लिए तथा बलि या भोजन के लिए बकरे के रूप में लिया जाने वाला कर,

32. भाग कर-
यह कर चंद शासनकाल में घराटों पर लगने वाला कर था,

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