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Showing posts from February, 2021

हिंदी भाषा के मानकीकरण से क्या अभिप्राय है?

मानक भाषा ( Standard Language ) किसे कहते हैं? मानक भाषा से तात्पर्य ऐसी भाषा से है जो आदर्श श्रेष्ठ तथा परिनिष्ठित हो, भाषा का वह रूप जो अन्य भाषा सीखने वाले लोगों के लिए प्रयोग में लाया जाता है तथा जिसका पत्राचार, शिक्षा, सरकारी कामकाज एवं सामाजिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान में समान स्तर पर प्रयोग होता है, ऐसी भाषा को ही मानक भाषा कहते हैं। बोली मानक भाषा कैसे बनती है? भाषा के मानकीकरण में भाषा का विकास तीन सोपानों में होता है - पहले यह बोली बनती है फिर भाषा बनती है और उसके बाद जन्म होता है मानक भाषा का प्रथम सोपान : बोली- प्रारंभिक स्तर पर भाषा का मूल रूप जो एक सीमित क्षेत्र में आपसी बोलचाल की भाषा के रूप में प्रयुक्त होता है उसे बोली कहा जाता है। इसका शब्द भंडार सीमित होता है तथा इसका कोई नियमित व्याकरण नहीं होता। द्वितीय सोपान : भाषा जब बोली कुछ विशेष भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व प्रशासनिक कारणों से अपना क्षेत्र का विस्तार कर लेती है तथा उसका लिखित रूप विकसित होने लगता है जिसके कारण उसके व्याकरणिक सांचे में डलने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है तथा उसका प्रयोग पत्राचार, शिक...

गुलाम वंश से संबंधित प्रश्न

  गुलाम वंश ( gulam vans )- यह कहानी है इतिहास के उस वंश की जिस से शुरू होता है भारत में सल्तनत काल, सल्तनत काल का भारत के इतिहास में विशिष्ट स्थान है, आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ गुलाम वंश, कौन थे गुलाम वंश के शासक? गुलाम वंश के शासकों का मोहम्मद गौरी से क्या संबंध था? गुलाम वंश का प्रथम सुल्तान कौन था? ♠ गुलाम वंश की स्थापना 1206 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी, जो मोहम्मद गौरी ( यह वही मोहम्मद गौरी है जिससे तराइन के दूसरे युद्ध 1192 में पृथ्वीराज चौहान पराजित हो गए थे ) का गुलाम था। ♥ गुलामों को फारसी भाषा में बंदगा कहा जाता है तथा इन्हें सैनिक सेवा के लिए खरीदा जाता था। ♠ कुतुबुद्दीन ऐबक का राज्य अभिषेक 24 जून 1206 ईस्वी को हुआ था। ♥ कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपनी राजधानी लाहौर बनाई थी। ♠ कुतुब मीनार की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने ही डाली थी तथा इसके साथ ही उसने दिल्ली में स्थित कुवत- उल - इस्लाम - मस्जिद एवं अजमेर में स्थित डाई दिन का झोपड़ा ( कहीं-कहीं पर इसे अढ़ाई दिन का झोपड़ा भी कहा जाता है ) नामक मस्जिद का निर्माण भी करवाया था। ♥ कुतुबुद्दीन ऐबक को लाख बख्श ( लाखों का दान देने वाला) भ...

लॉर्ड कार्नवालिस कौन था?

  लॉर्ड कार्नवालिस- • लॉर्ड कार्नवालिस भारत के गवर्नर जनरल थे, लार्ड कार्नवालिस का कार्यकाल-  ♦ लॉर्ड कार्नवालिस का शासन काल 1786 से 1793 तक था। ♦ लॉर्ड कार्नवालिस 30 जुलाई 1805 में पुनः गवर्नर जनरल नियुक्त किए गए थे तथा 5 अक्टूबर 1805 मृत्यु तक इस पद पर रहे। इन्हें गाजीपुर में दफनाया गया है। ♦ लॉर्ड कार्नवालिस के समय में ही जिले के समस्त अधिकार कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए। ♦ लॉर्ड कार्नवालिस ने उन फौजदारी अदालतों को समाप्त कर दिया जिनमें भारतीय न्यायाधीश नियुक्त होते थे और उसके स्थान पर चार भ्रमण करने वाली अदालतें बनाई जिनमें से तीन बंगाल के लिए और एक बिहार के लिए नियुक्त की गई थी। ♦ 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस ने प्रसिद्ध कान वाले स्कूल का निर्माण किया कार्नवालिस कोड शक्तियों के पृथक्करण सिद्धांत पर आधारित था। ♦ लॉर्ड कार्नवालिस ने पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अधिकार प्राप्त जमीदारों को इस अधिकार से वंचित कर दिया। ♦ लॉर्ड कार्नवालिस ने कंपनी के कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया। ♦ लॉर्ड कार्नवालिस ने जिलों में प...

उत्तराखंड में कार्तिकेयपुर राजाओं के प्रमुख पदाधिकारी

  कार्तिकेयपुर राजवंश के प्रमुख पदाधिकारी- कार्तिकेयपुर राजवंश में पल्लिका - छोटे गांवों को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में महत्तम - ग्राम शासक को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में भृत्य - सेवक को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में प्रतिहार - द्वार रक्षक को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में कोट्टपाल - गढ़ रक्षक को कहा जाता था । कार्तिकेयपुर राजवंश में बलाध्यक्ष - सेनानायक को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में महादंडनायक - प्रमुख सेनापति को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में अक्षपटलिक - लेखा परीक्षक को कहा जाता था। कार्तिकेयपुर राजवंश में कुलचारिक - तहसीलदार को कहा जाता था।

अन्नपूर्णा योजना कब प्रारम्भ हुई थी?

 अन्नपूर्णा योजना- अन्नपूर्णा योजना कब प्रारम्भ हुई थी? अन्नपूर्णा योजना 2 अक्टूबर 2000 को प्रारंभ हुई थी। अन्नपूर्णा योजना कहां से प्रारंभ हुई थी? अन्नपूर्णा योजना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के सिखोड़ा ग्राम से शुरू हुई थी। अन्नपूर्णा योजना का क्या उद्देश्य है? अन्नपूर्णा योजना का उद्देश्य देश के अत्यंत निर्धन वृद्धों के लिए रोटी की व्यवस्था करना है। अन्नपूर्णा योजना की शुरुआत किस मंत्रालय के अन्तर्गत की गयी थी? अन्नपूर्णा योजना की शुरुआत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी।