ज्ञानपीठ पुरस्कार-
ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला भारत का एक प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार है, जिसमें पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रूपए व वाग्देवी की प्रतिमा व प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाता है,
ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखक निम्नलिखित हैं-
1)सर्व प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखक जी शंकर कुरूप है, इन्हें 1965 में उनकी कृति आडा कुजाई , मलयालम भाषा में लिखी गई के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2) ताराशंकर बंधोपाध्याय, ये दूसरे ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता थे जिन्हें 1966 में ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था, यह पुरस्कार उन्हें उनकी कृति गणदेवता के लिए मिला जो बंग्ला भाषा में लिखी गई थी।
3) 1967 में ज्ञानपीठ पुरस्कार केवी पुटप्पा को उनकी कन्नड़ भाषा में लिखी गई कृति रामायण दर्शनम जबकि उमाशंकर जोशी को गुजराती में लिखी गई उनकी कृति निशीथ के लिए दिया गया था।
4)1968 का ज्ञानपीठ पुरस्कार सुमित्रानंदन पंत को उनकी कृति चिदंबरा के लिए दिया गया था जो हिंदी भाषा में लिखी गई थी।
5)1969 का ज्ञानपीठ पुरस्कार फिराक गोरखपुरी को उनकी उर्दू में लिखी गई कृति गुली ए नगमा के लिए दिया गया था।
6) 1970 का ज्ञानपीठ पुरस्कार विश्वनाथ सत्यनारायण को तेलुगु में लिखी गई उनकी कृति श्रीमद् रामायण कल्पवृक्षम के लिए दिया गया था।
7)1971 का ज्ञानपीठ पुरस्कार विष्णु डे को बांग्ला भाषा में लिखी गई उनकी कृति स्मृति सत्ता भविष्यत के लिए दिया गया था।
8)1972 का ज्ञानपीठ पुरस्कार रामधारी सिंह दिनकर को उनकी कृति उर्वशी के लिए दिया गया था, जो हिंदी भाषा में लिखी गई थी।
9) 1973 का ज्ञानपीठ पुरस्कार गोपीनाथ मोहंती को उनकी उड़िया में लिखी गई कृति माली मटाल व डीआर बेंद्रे को कन्नड़ भाषा में लिखी गई उनकी कृति चार तार के लिए दिया गया था।
10) 1974 का ज्ञानपीठ पुरस्कार विष्णु सखा खांडेकर को मराठी भाषा में लिखी गई उनकी कृति ययाति के लिए दिया गया था।
11) 1975 का ज्ञानपीठ पुरस्कार एवी अकिलन्दम को तमिल भाषा में लिखी गई उनकी कृति चितपावन के लिए दिया गया था।
12) 1976 का ज्ञानपीठ पुरस्कार श्रीमती आशापूर्णा देवी को बंगला भाषा में लिखी गई उनकी कृति प्रथम प्रति श्रुति के लिए दिया गया था, यह ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम महिला थी।
13) 1977 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डॉक्टर के शिवराम कारन्थ को कन्नड़ भाषा में लिखी गई उनकी कृति मूकज्जिया कनसुगुल के लिए दिया गया था।
14) 1978 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डॉक्टर सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन 'अज्ञेय' को उनकी हिंदी में लिखी गई कृति कितनी नावों में कितनी बार के लिए दिया गया था।
15) 1979 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डॉ वीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य को उनकी असमिया भाषा में लिखी गई कृति मृत्युंजय के लिए दिया गया था।
16) 1980 का ज्ञानपीठ पुरस्कार एस के पोटकट को उनकी मलयालम भाषा में लिखी गई कृति ओरू देसातिने कथा के लिए दिया गया था।
17) 1981 का ज्ञानपीठ पुरस्कार अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा में लिखी गई उनकी कृति कागज ते कैनवास के लिए दिया गया था।
18) 1982 का ज्ञानपीठ पुरस्कार महादेवी वर्मा को हिंदी भाषा में लिखी गई उनकी कृति यामा के लिए दिया गया था।
19) 1983 का ज्ञानपीठ पुरस्कार वेंकटेश आयंगर को तेलुगु भाषा में लिखी गई उनकी कृति चिकवीर राजेंद्र के लिए दिया गया था।
20) 1984 का ज्ञानपीठ पुरस्कार तक्षी शिव शंकर पिल्लई को मलयालम भाषा में लिखी गई उनकी कृति कायर के लिए दिया गया था।
21) 1985 का ज्ञानपीठ पुरस्कार पन्नालाल पटेल को गुजराती भाषा में लिखी गई उनकी कृति मानवीनी भवाई के लिए दिया गया था।
22) 1986 का ज्ञानपीठ पुरस्कार सच्चिदानंद राऊत राय को उड़िया साहित्य के लिए दिया गया।
23) 1987 का ज्ञानपीठ पुरस्कार विष्णु वामन शिरवाडकर को मराठी साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
24) 1988 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डॉ सी नारायण रेड्डी को तेलुगु साहित्य के लिए दिया गया।
25) 1989 का ज्ञानपीठ पुरस्कार कुर्रतुल एन हैदर को उर्दू साहित्य के लिए दिया गया।
26) 1990 का ज्ञानपीठ पुरस्कार विनायक कृष्ण गोकाक को कन्नड़ साहित्य के लिए दिया गया।
27) 1991 का ज्ञानपीठ पुरस्कार सुभाष मुखोपाध्याय को बांग्ला साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
28) 1992 का ज्ञानपीठ पुरस्कार नरेश मेहता को हिंदी साहित्य के लिए दिया गया।
29) 1993 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डॉ सीताकांत महापात्र को उड़िया साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
30) 1994 का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रोफेसर यू आर राव को कन्नड़ साहित्य के लिए दिया गया।
31) 1995 का ज्ञानपीठ पुरस्कार एमटी वासुदेवन नायर को मलयालम साहित्य के लिए दिया गया।
32) 1996 का ज्ञानपीठ पुरस्कार महाश्वेता देवी को बांग्ला साहित्य के लिए दिया।
33) 1997 का ज्ञानपीठ पुरस्कार अली सरदार जाफरी को उर्दू साहित्य के लिए दिया गया।
34) 1998 का ज्ञानपीठ पुरस्कार गिरीश कर्नाड को कन्नड़ साहित्य के लिए दिया गया।
35) 1999 का ज्ञानपीठ पुरस्कार निर्मल वर्मा को हिंदी साहित्य व गुरदयाल सिंह को पंजाबी साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
36) 2000 का ज्ञानपीठ पुरस्कार इंदिरा गोस्वामी को असमिया साहित्य के लिए दिया गया।
37) 2001 का ज्ञानपीठ पुरस्कार राजेंद्र केशव लाल शाह को गुजराती साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
38) 2002 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डी जयकांतन को तमिल साहित्य के लिए दिया गया।
39) 2003 का ज्ञानपीठ पुरस्कार विंदा करंदीकर को मराठी साहित्य के लिए दिया गया।
40) 2004 का ज्ञानपीठ पुरस्कार रहमान राही को कश्मीर साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
41) 2005 का ज्ञानपीठ पुरस्कार कुंवर नारायण को हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
42) 2006 का ज्ञानपीठ पुरस्कार रवींद्र केलकर को कोकणी भाषा में उनके योगदान के लिए व सत्यव्रत शास्त्री को संस्कृत साहित्य के लिए दिया गया।
43) 2007 का ज्ञानपीठ पुरस्कार एबीएन कुरूप को मलयालम साहित्य के लिए दिया गया।
44) 2008 का ज्ञानपीठ पुरस्कार शहरयार को उर्दू साहित्य के लिए दिया गया।
45) 2009 का ज्ञानपीठ पुरस्कार अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल को दिया गया यह हिंदी भाषा के कथाकार थे।
46) 2010 का ज्ञानपीठ पुरस्कार चंद्रशेखर कंवर को कन्नड़ साहित्य के लिए दिया गया।
47) 2011 का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिभा रे को उनकी उड़िया भाषा में लिखी गई कृति पाकुदु राल्लु के लिए दिया गया।
48) 2012 का ज्ञानपीठ पुरस्कार डॉ राबुरी भारद्वाज को तेलुगु साहित्य के लिए दिया गया।
49) 2013 का ज्ञानपीठ पुरस्कार केदारनाथ सिंह को हिंदी साहित्य के लिए दिया गया।
50) 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार भालचंद्र नेमाड़े को मराठी साहित्य के लिए दिया गया।
51) 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार रघुवीर चौधरी को गुजराती साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया।
52) 2016 का ज्ञानपीठ पुरस्कार शंख घोष को बांग्ला साहित्य के लिए दिया गया।
53) 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार कृष्णा सोबती को हिंदी साहित्य के लिए दिया गया।
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