गुण संधि-
गुण संधि, स्वर संधि का एक प्रकार है।
गुण संधि की परिभाषा-
गुण संधि की परिभाषा अनुसार, यदि ‘अ' और ‘आ’ के बाद ‘इ’ या ‘ई’ , ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमश: ‘ए', ‘ओ' और ‘अर्' हो जाते हैं, जैसे-
गुण संधि के 50 उदाहरण-
गुण संधि के 50 उदाहरण निम्नलिखित हैं, यह सभी उदाहरण उन सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है जिनमें हिंदी पूछे जाती है।
गुण संधि का (अ+इ=ए) नियम-
नर+इंद्र = नरेंद्र
सुर+इंद्र = सुरेंद्र
पुष्प+इंद्र = पुष्पेंद्र
सत्यम+इंद्र = सत्येंद्र
गुण संधि का (अ+ई=ए) नियम-
नर+ईश= नरेश
सोम+ईश= सोमेश
कमल+ईश= कमलेश
गुण संधि का (आ+इ=ए) नियम-
रमा+इंद्र= रमेंन्द्र
महा+इंद्र=महेंद्र
यथा+इष्ट= यथेष्ट
राजा+इंद्र=राजेंद्र
गुण संधि का (आ+ई=ए) नियम-
महा+ईश=महेश
उमा+ईश=उमेश
राका+ईश=राकेश
रमा+ईश=रमेश
गुण संधि का (अ+उ=ओ) नियम-
वीर+उचित= वीरोचित
मानव+उचित=मानवोचित
पर+उपकार= परोपकार
हित+उपदेश=हितोपदेश
गुण संधि का (अ+ऊ=ओ) नियम-
सूर्य+ऊर्जा=सूर्योर्जा
नव+ऊढा=नंवोढा
जल+ऊर्मि=जलोर्मि
समुद्र+ऊर्मि=समुद्रोर्मि
गुण संधि का (आ+उ=ओ) नियम-
महा+उदय= महोदय
महा+उत्सव= महोत्सव
महा+उष्ण= महोष्ण
महा+उदधि= महोदधि
गंगा+उदक= गंगोदक
गुण संधि का (आ+ऊ=ओ) नियम-
दया+ऊर्मि= दयोर्मि
महा+ऊर्जा= महोर्जा
महा+ऊर्मि= महोर्मि
महा+ऊष्मा= महोष्मा
गुण संधि का (अ+ऋ=अर्) नियम-
देव+ऋषि= देवर्षि
सप्त+ऋषि= सप्तर्षि
राज+ऋषि= राजर्षि
ब्रह्मा+ऋषि= ब्रह्मार्षि
गुण संधि का (आ+ऋ=अर्) नियम-
महा+ऋषि = महर्षि
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