What is Inner line permit
इनर लाइन परमिट , जैसे कि शब्दों से ही ज्ञात हो रहा है कि इसका मतलब एक प्रकार के परमिट से है, परंतु कैसा परमिट? और कहां प्रयुक्त होता है? इनर लाईन परमिट का प्रयोग ज्यातर उत्तर पूर्वी भारत के जिलों में होता है , उत्तर पूर्वी भारत के जिलों में कोई भी नागरिक बिना प्रशासनिक अनुमति के 24 घंटे से ज्यादा नहीं रह सकता है चाहे वह भारत का नागरिक ही क्यों न हो ,
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सामान्यतः इनर लाईन परमिट दो प्रकार से लिया जाता है
एक टूरिस्ट के लिए तथा दूसरा नौकरी के लिए,
इनर लाइन परमिट को एक दिन एक हफ्ते 1 महीने 6 महीने या 1 साल के लिए किया जा सकता है।
इनर लाइन परमिट भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में से सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश , आसाम तथा नागालैंड आदि राज्यों में लागू है इसके अलावा इनर लाइन परमिट जम्मू कश्मीर व लद्दाख क्षेत्र एवं अंडमान निकोबार तथा लक्ष्यदीप के क्षेत्रों पर भी लागू होता है ।
इनर लाइन परमिट की पृष्ठभूमि
अंग्रेजो के द्वारा बंगाल नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एक्ट 1873 के द्वारा स्थापित किया गया था, इनर लाइन परमिट का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों के व्यापारिक हितों को बचाना था ।
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