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What reflection of light in science

Reflection of light in hindi

Reflection अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ हिंदी में परावर्तन होता है, इस आर्टिकल में हम आज बात करेंगे प्रकाश के परावर्तन के बारे में, जानेंगे क्या होता है प्रकाश का परावर्तन-

जब प्रकाश चिकने पृष्ठ से टकराकर वापस लौटता है तो यह परिघटना प्रकाश का परावर्तन कहलाती है।

परावर्तन के नियम(Laws of reflection)

परावर्तन के दो नियम होते हैं-

1) आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब व परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।

2) प्रकाश के परावर्तन में आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है।


समतल दर्पण से प्रकाश का परावर्तन-

समतल दर्पण में किसी वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के आगे रखी जाती है समतल दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब काल्पनिक वस्तु के बराबर एवं पार्श्व उल्टा (Lateral Inverse) बनता है।

∆ यदि समतल दर्पण की ओर कोई व्यक्ति v चाल से चलता है तो उसे दर्पण में अपना प्रतिबिंब 2v चाल से आता हुआ प्रतीत होता है।

∆ यदि आपतित किरण को नियत रखते हुए दर्पण को x डिग्री कोण पर घुमा लिया जाए तो परिवर्तित होने वाली किरण 2x डिग्री कोण पर घूम जाती है।

∆ समतल दर्पण में वस्तु का पूरा प्रतिबिंब देखने के लिए दर्पण की लंबाई वस्तु की लंबाई की कम से कम आदि होनी चाहिए।

∆ यदि दो समतल दर्पण x डिग्री कोण पर झुके हुए हो, तो उनके बीच रखी वस्तु के प्रतिबिंबों की संख्या की गणना निम्न प्रकार से की जाएगी-

 A) यदि 360/x° एक सम संख्या आए तो प्रतिबिंब की संख्या वस्तु की सभी स्थितियों के लिए

n= (360/X)-1 होगी,

उदाहरण- 90 डिग्री पर झुके हुए दो समतल दर्पणों के बीच कितनी प्रतिबिंब बनेंगे

X=90°

n= (360/90)-1

n=4-1=3

अतः 90 डिग्री पर झुके हुए दो समतल दर्पण के बीच बनने वाले प्रतिबिंब की संख्या तीन होगी।

B) यदि 360/X एक विषम संख्या हो तो प्रतिबिंबों की संख्या n=360/X होगी, यदि वस्तु दोनों दर्पणों के बीच के कोण के समद्विभाजक  पर न हो तो-

उदाहरण-40 डिग्री कोण पर झुके हुए दो समतल दर्पण के बीच कुल कितने प्रतिबिंब बनेंगे

X=40

n=360/40=9

अतः 40 डिग्री कोण पर झुके हुए दो समतल दर्पण के बीच कुल 9 प्रतिबिंब बनते हैं।

C) यदि 360/X एक विषम संख्या हो और वस्तु दोनों दर्पणों के बीच के कोण के समद्विभाजक पर रखी गई हो तो प्रतिबिंबों की संख्या n =(360/X)-1 होती है,

उदाहरण- 40 डिग्री कोण पर झुके हुए दो समतल दर्पण के बीच 20 डिग्री पर कोई वस्तु रखी गई है तो प्रतिबिंबों की संख्या

n= (360/40)-1=9-1=8

इस प्रकार बनने वाले प्रतिबिंबों की संख्या 8 होगी,


D) यदि 360/X एक भिन्न संख्या हो तो बनने वाले प्रतिबिंब की संख्या उसके पूर्णांक के बराबर होगी,

गोलीय दर्पण से परावर्तन

गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-

अवतल दर्पण

अवतल दर्पण के उपयोग-

1) बड़ी फोकस दूरी वाला अवतल दर्पण दाढ़ी बनाने में काम आता है,

2) आंख, कान और नाक तथा दांत के डॉक्टर के पास उपयोग में लाया जाने वाला दर्पण अवतल दर्पण होता है।

3) अवतल दर्पण का उपयोग गाड़ी के हेडलाइट एवं सर्च लाइट में किया जाता है।

4) अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर में किया जाता है।

उत्तल दर्पण

उत्तल दर्पण के उपयोग-

1) उत्तल दर्पण का उपयोग गाड़ी में चालक की सीट के पास पीछे के दृश्य को देखने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले शीशे में किया जाता है।

2) उत्तल दर्पण का उपयोग सोडियम प्रावर्तक लैंप में किया जाता है।



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