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भारत में लौह इस्पात उद्योग एवं उससे संबंधित प्रश्न

लौह इस्पात उद्योग-

भारत में लोहा इस्पात का पहला कारखाना-

भारत में पहला लौह इस्पात कारखाना 1874 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले के कुल्टी नामक स्थान पर बराकर नदी के किनारे लगाया गया था, जिसका नाम बंगाल आयरन वर्क्स (BIW) था, बाद में यह कंपनी फंड के अभाव के कारण बंद हो गई तथा इसे बंगाल सरकार ने अधिग्रहित कर लिया तब इसका नाम बदलकर बराकर आयरन वर्क्स रखा गया।


देश में सबसे पहला बड़े पैमाने पर लौह इस्पात का उत्पादन करने का कारखाना 1960 में तत्कालीन बिहार राज्य में स्वर्ण रेखा नदी की घाटी में साकची नामक स्थान पर जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था।


स्वतंत्रता से पहले स्थापित लोहा इस्पात कारखाने-

1. भारतीय लौह इस्पात कंपनी- इसकी स्थापना 1918 में पश्चिम बंगाल की दामोदर नदी घाटी में हीरापुर( जिसे कि बाद में बर्नपुर कहा गया ) नामक स्थान पर की गई थी, यहां 1922 ईस्वी से उत्पादन शुरू हुआ आगे चलकर कुल्टी, बर्नपुर तथा हीरापुर स्थित संयंत्रों को इस में मिला दिया गया।


2. मैसूर आयरन एंड स्टील वर्क्स- इसकी स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व 1923 में मैसूर राज्य यानी वर्तमान कर्नाटक के भद्रावती नामक स्थान पर किया गया था इसका वर्तमान नाम VISCL ( विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड ) है।

3. स्टील कॉरपोरेशन ऑफ बंगाल- स्टील कॉरपोरेशन ऑफ बंगाल को भी स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व स्थापित किया गया था इसकी स्थापना 1937 ईस्वी में बर्नपुर पश्चिम बंगाल में की गई थी, बाद में 1953 में इसे भारतीय लौह इस्पात कंपनी में मिला दिया गया।


स्वतंत्रता के बाद स्थापित लोह इस्पात कारखाने-

भारत में दूसरी पंचवर्षीय योजना में अनेक लौह इस्पात कारखाने लगाए गए जो निम्नलिखित हैं-

1. भिलाई इस्पात संयंत्र- इसकी स्थापना 1955 में तत्कालीन मध्यप्रदेश के भिलाई ( दुर्ग जिला, अब छत्तीसगढ़ राज्य ) में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गई, स्थापना के 4 साल बाद 1959 में इससे उत्पादन प्रारंभ हो गया।

2. हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड, राउरकेला- इसकी स्थापना 1959 में उड़ीसा के राउरकेला नामक स्थान पर पश्चिमी जर्मनी की सहायता से किया गया था।

3. हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड, दुर्गापुर-

इसकी स्थापना 1956 ईस्वी में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर नामक स्थान पर ब्रिटेन की सहायता से की गई थी इससे 1962 में उत्पादन प्रारंभ हुआ।


तीसरे पंचवर्षीय योजना काल में स्थापित लौह इस्पात कारखाना-

बोकारो स्टील प्लांट की स्थापना 1964 में तत्कालीन बिहार राज्य जो कि अब झारखंड है के बोकारो नामक स्थान पर पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गई थी।


चौथी पंचवर्षीय योजना में स्थापित कारखाने-

1.सलेम इस्पात संयंत्र- यह तमिलनाडु के सलेम में स्थित है।

2. विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र- यह आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित है।

3. विजयनगर इस्पात संयंत्र- यह कर्नाटक के हॉस्पेट वेलारी जिले में स्थित है।


स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) क्या है?

सेल यानी भारत इस्पात प्राधिकरण की स्थापना 24 जनवरी 1973 ईस्वी को दो हजार करोड़ की पूंजी के साथ की गई थी, जिसे भिलाई, दुर्गापुर ,बोकारो, राउरकेला, बर्नपुर सलेम एवं विश्वेश्वरैया लौह इस्पात कारखाने को एक साथ मिलाकर संचालन करने की जिम्मेदारी दी गई है।

* 2014 में भारत,चीन जापान तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व का चौथा सबसे बड़ा इस्पात (steel) उत्पादक देश है जबकि स्पंज आयरन के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।

*भारत का पहला तटवर्ती इस्पात कारखाना विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश में लगाया गया।


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